नाट्यगीते ३
कठिण कठिण कठिण किती - (यमनकल्याण) सकल चराचरी या तुझ्या असे निवास - (बिहाग) |
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१२. | संगीत एकच प्याला - राम गणेश गडकरी - २० फेब्रु. १९१९ |
वसुधातल रमणीय सुधाकर - (बिलावल) झणी दे कर या दीना - (अडाणा) दया छाया घे निवारूनिया - (मांड) सत्य वदे वचनाला नाथा - (काफी जिल्हा) कशी या त्यजू पदाला - (पहाडी) प्रभू अजि गमला मनी तोषला (भैरवी) |
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१३. | संगीत शिक्का कट्यार - यशवंत ना. टिपणीस - ४ जून १९२७ |
ललना पाणीग्रहणा - (किरवाणी) मंगल ते प्रियधाम - (जयजयवंती) तुझ्याविना भाव ना या मना - (सुहा कानडा) स्वार्थी पसारा सारा जगी या - (सारंग) |
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१४. | संगीत तुलसीदास - गोविंदराव टेंबे - १९ मार्च १९२८ |
नच पार नाद निधीला -(सूर मल्हार) मन रामरंगी रंगले - (यमनकल्याण) |
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१५. | संगीत रणदुंदुभी - वामन गोपाळ जोशी - १९ फेब्रु. १९२७ |
परवशता पाश दैवे आपदा राज्यपदा भयदा - (तिलककामोद) जगी हा खास वेड्यांचा पसारा - (पिलू) वितरी प्रखर तेजोबल - (तिलककामोद) दिव्य स्वातंत्र्यरवी - (मालकंस) |
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१६. | संगीत संन्यस्त खड्ग - स्वातंत्र्यवीर सावरकर - १९ सप्टें. १९३१ |